लेखनी - अनजान सफर

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अनजान सफर सफर तो अनजाना ही था, जब मिले थे हम दोनों, लेकिन साथ चलते चलते, कब एक दूजे के हमसफर बन गए, पता ही नही चला... खट्टे मीठे अनुभव लेकर, ...

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